*महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों ने सरकार से लगाई नियमितीकरण की गुहार*
*सिहोर से राजधानी भोपाल की तरफ़ चली अतिथि विद्वानों की पदयात्रा*
सिहोर/भोपाल
पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा देने वाले महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों की पदयात्रा सिहोर से राजधानी भोपाल की ओर चल पड़ी है।इसके पहले अतिथि विद्वान महासंघ/मोर्चा के पदाधिकारियों ने सिहोर टाउन हॉल में प्रेस वार्ता की,जिसमें अतिथि विद्वानों ने अपनी पीड़ा मीडिया के माध्यम से सरकार के सामने रखी।संयोजक डॉ देवराज सिंह ने कहा कि पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से अतिथि विद्वान अनिश्चित भविष्य और आर्थिक बदहाली के बावजूद लगातार सेवा दे रहे हैं लेकिन सरकार आज तक अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित नहीं कर पाई जो बेहद निराशाजनक है।आगे डॉ सिंह ने कहा की सरकारें सिर्फ और सिर्फ अतिथि विद्वानों को चुनावी मोहरा बनाकर रखना चाहती है।इस शोषणकारी नीति अतिथि विद्वान व्यवस्था के खिलाफ़ ये पदयात्रा शुरू हुई है।
अनुभव योग्यता की कदर करते हुए विद्वानों को नियमित करे सरकार
अतिथि विद्वानों ने बताया की पिछले 25 से 26 वर्षों से अतिथि विद्वान सरकारी महाविद्यालयों में सेवा दे रहे हैं,नेट/पीएचडी हैं लेकिन सरकार ध्यान नही दे रही।संयोजक डॉ बीएल दोहरे एवं डॉ संजय पांडेय ने कहा की अब कितना सरकार को अनुभव योग्यता चाहिए।इन्होंने स्पष्ट कहा कि पीएससी अतिथि विद्वानों के हित में नहीं है।सरकार को संवेदना दिखाते हुए अतिथि विद्वानों को एक व्यवस्थित नीति बनाकर भविष्य सुरक्षित करना चाहिए।इस प्रेस वार्ता में डॉ अविनाश मिश्रा,डॉ दुर्गेश लशगरिया,डॉ बी डी धार्मिक,डॉ सोनम भारती,डॉ प्रियंका अहिरवार शामिल रहीं।
सरकारें जब भी विपक्ष में होती हैं तो अतिथि विद्वानों को याद करते हैं वादे करते हैं।लेकिन सत्ता पाते ही भूल जाते हैं।
आज़ परीक्षा,प्रवेश,प्रबंधन,अध्यापन,मूल्यांकन,नैक,रुसा सहित समस्त कार्य अतिथि विद्वान पूरी तन्मयता से करते हैं फिर भी भविष्य सुरक्षित नहीं।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित सभी भाजपा नेताओं ने अतिथि विद्वानों से नियमितीकरण का वादा किए थे जब विपक्ष में थे लेकिन सरकार में आते ही भूलते नज़र आ रहे हैं।इसी को लेकर अतिथि विद्वान अपनी जायज़ मांगों को लेकर सिहोर से राजधानी भोपाल तक पदयात्रा शुरू कर रहे हैं।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी से निवेदन है की 30 तारीख़ को नीलम पार्क में उपस्थित होकर नियमितीकरण का आशीर्वाद दें।
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