मणिपुर में लगाया जाए राष्ट्रपति शासन- पूर्व विधायक रमेश सक्सेना
सीहोर। पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता रमेश सक्सेना ने मणिपुर राज्य में फैली अशांति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा की नफरत की राजनीति के परिणाम स्वरूप आज लोकतंत्र भीड़ तंत्र में बदलता जा रहा है। मणिपुर राज्य में अशांति और हिंसा फैल रही है, लेकिन यहां कि राज्य सरकार स्थिति को काबू करने में अक्षम साबित हुई है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के शीर्ष नेता इस विकराल समस्या को नजर अंदाज कर चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।
करीब करीब दो महीने से मणिपुर अशांत है और जिस प्रकार से यहां महिलाओं के साथ क्रूर घटना सामने आई है, उसने पूरे देश को शर्मशार किया है, मन को विचलित किया है। इस अमानवीय घटना से पूरे देश में आक्रोश है गुस्सा है। हिंसा को रोकने में केन्द्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है। यहां की भाजपा की सरकार लोगों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है, यहां फैले दंगों में कई जाने जा चुकी है। दो महीने से यहां पर अशांति फैली है। केन्द्र सरकार ने समय रहते कोई निर्णय नहीं लिया, जिसका नतीजा है कि यहां के हालात और भी बिगड़ते जा रहे हैं। भाजपा नफरत और बांटने की राजनीति करती है, संवैधानिक मूल्यों के साथ खिलवाड़ कर भाजपा ने भारतीय संविधान की बुनियाद को चोट पहुंचाई है। मणिपुर सुलग रहा है और क्या कारण है कि अभी तक वहां के सीएम को नहीं हटाया गया है। मैं राष्ट्रपति से मांग करता हूं कि मणिपुर की भाजपा सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
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