मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ ने दिया ज्ञापन
कर्मचारियों की लंबित मांगों का निराकरण करने हेतू
सीहोर। सोमवार को मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ कर्मचारियों की विभिन्न लंबित मांगों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम संघ ने एक ज्ञापन सौंपा है। इस मौके पर संघ के जिलाध्यक्ष गोपाल सिंह ठाकुर और सचिव ओपी शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ कर्मचारियों की विभिन्न लंबित मांगों को लेकर लगातार ज्ञापन एवं पत्रों के माध्यम से अवगत कर निराकरण का अनुरोध करता आ रहा है पूर्व में तहसील स्तर जिला स्तर एवं प्रदेश स्तर पर कर्मचारी प्रतिनिधियों द्वारा ज्ञापन दिए गए जिसके उपरांत समस्याओं का निराकरण हेतु आश्वासन दिया गया था परंतु आज दिनांक तक समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया मांगों का निराकरण ना होने से कर्मचारियों में लगातार रोष व्यक्त हो रहा है। कर्मचारियों की निम्न मांगों का निराकरण शीघ्र करने मांग करता है। जिसमें 1. केन्द्र के समान डीए (मंहगाई भत्ता) नियत दिनांक से प्रदान किया जाये। गृहभाड़ा भत्ता सातवें वेतनमान में केन्द्रीय कर्मचारी को देय अनुसार प्रदान किया जाये। 2 कर्मचारियों को केशलेस स्वास्थ्य बीमा को प्रारंभ कर कर्मचारियों को इसका लाभ प्रदान किया जाये। 3. नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पूर्व की भांति पेंशन प्रदान किया जाना सुनिश्चित किया जाये। 4. सभी विभागों में कार्यरत अधिकारी / कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर उपलब्ध कराते हुए नियत समय में अनिवार्य पदवृद्धि की जाये। 5. सामान्य कर्मचारी बीमा की राशि वृद्धि कर क्रमश 20 लाख, 30 लाख, 40 लाख किया जावे। जिसके लिए कटौत्रा में संशोधन किया जाए। 6. अनुकंपा नियुक्ति में सरलीकरण कर लंबित आवेदकों की शीघ्र नियुक्ति प्रदान की जावे। समस्त विभाग की अनुकंपा नियुक्ति को एक पोर्टल संधारित कर रिक्त पदों को दर्शाते हुए आनलाइन कर विभागों में नियुक्ति हेतु पारदर्शी बनाया जाये। अनुकंपा हेतु आवश्यक बी.एड. / डी.एड. हेतु तीन वर्ष की शिथिलता प्रदान की जाये। सीपीसीटी अथवा आवश्यक आहता पूर्ण न होने की दशा में उसे चतुर्थ श्रेणी में नियमित किया जावे। सेवा से पृथक न किया जावे। 7. नवीन शिक्षक संवर्ग (अध्यापक संवर्ग) की शिक्षा विभाग में नियुक्ति दिनांक से क्रमोन्नती पर लगी रोक हटा कर 12 एवं 24 वर्ष की क्रमोन्नति आदेश जारी किये जावे। 8. कर्मचारियों को 35 वर्ष की सेवा में चतुर्थ क्रमोन्नत समान एंव 400 वर्ष में पंचम क्रमोन्नत वेतनमान दिया जावे। 9. नवीन भर्ती में पूर्व की भांति 2 वर्ष की परीवीक्षा अवधि रखते हुए वेतन भुगतान किया जावे तथा 70/80/90 प्रतिशत वेतन प्रदान करना बंद की जाये। 10. शासन के निर्देशानुसार विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को 90 प्रतिशत वेतनमान का लाभ देकर लाभान्वित किया जायें तथा वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों पर समायोजित कर नियमित किया जाये। 11. 29 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में नियमित संविदा पर कार्यरत कुष्ठ कर्मचारियों एन.एम. ए.एन.एम.एस. लिपिकों को विभाग में रिक्त पद पर समायोजित किया जाकर नियमित किया जावे। 12. लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर कर छटवें वेतनमान ग्रेड पे 2400 एवं 2800 की जावे। मंत्रालयीन लिपिकों की भांति प्रदेश के अन्य लिपिकों को सुविधायें प्रदानकी जाये।
13. आदिम जाति एवं स्कूल शिक्षा विभाग में अन्य विभाग की तरह 300 दिन का अर्जित अवकाश प्रदान किये जावे। कार्यभारित कर्मचारियों को भी अन्य कर्मचारियों की तरह चिकित्सा एवं अर्जित अवकाश की सुविधायें प्रदान की जावे। 14. ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को एवं उद्यानकी विभाग के उद्यान अधिकारियों को सर्वेयर के समान वेतनमान दिया जावे। 15. अन्य विभागों की तरह कृषि विभाग के प्रयोगशाला सहायकों को भी पद नाम परिवर्तित कर प्रयोगशाला तकनीशियन किया जायें। 16. विभिन्न विभागों की वेतन विसंगति का सुधार किया जाये। महिला बाल विकास सुपरवाईजर, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, पटवारी, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ड्रेसर, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं अन्य की वेतन विसंगति दूर की जाये। 17. पंचायत सचिव के परिवार को अनुकंपा नियुक्ति अन्य विभागों की तरह प्रदान की जाये। 18 पंचायत सचिवों का पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में संविलियन किया जावे। 19 विभिन्न विभागों में कार्यरत स्थाई कर्मियों को विभाग के रिक्त तृतीय / चतुर्थ श्रेणी के पदो पर नियमित किया जाने। 1 सितंबर 2016 तक कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी में विनियमतीकरण किया जाये एवं सातवां वेतनमान दिया जावे। 20. निर्माण विभागों में निचले पदों पर कार्यरत डिग्री / डिप्लोमाधारी नियमित एवं कार्यभारित को उपयंत्री के पद पर पदोन्नत किया जावे। 21. माननीय उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा नियमित वेतनभोगी / स्थाई कर्मियों को नियमित किये जाने के आदेश देकर उन्हें नियमित वेतनमान / वार्षिक वेतनवृद्धि व अन्य लाभ प्रदान किये जाये। 22 30 जून को सेवानिवृत हो रहे कर्मचारियों को जुलाई की एक वेतनवृद्धि प्रदान कर सेवानिवृत्त किया जाये। उक्त निर्णय माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा भी दिया गया है। 23. नेत्र चिकित्सा सहायक का पद
नाम परिवर्तन कर ऑप्थेल्मिक ऑफिसर किया जाये। 24. ग्राम रोजगार सहायक / सहसचिवों का नियमितिकरण किया जाये। 25. लोक निर्माण विभाग में स्थल सहायकों को नियमित स्थापना में शामिल किया जायें एवं नियमित कर्मचारियों की भांति अवकाश सुविधा प्रदान की जावे । 26. मैदानी कर्मचारियों को मुख्यालय पर आवास निर्माण किये जाये। 27. आयुष विभाग के वर्ष 2009 में नियुक्त किये गए सभी कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से नियमितिकरण का लाभ दिया जाए। कुछ संभाग ( इंदौर, उज्जैन जबलपुर ) में लाभ प्रदान किया गया है परन्तु अन्य संभाग में लाभ नहीं दिया गया। 28. आयुष विभागमें महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को विभाग में पदस्थ आयुर्वेदिक कंपाउंडर के सामान तृतीय श्रेणी कर्मचारी घोषित कर ग्रेड पे 2400 किया 29. आबकारी विभाग में आबकारी मुख्य आरक्षक का पद नाम परिवर्तित कर सहायक आबकारी उप निरीक्षक किया जाये। 30. आबकारी उपनिरीक्षक पद का लोकसेवा आयोग का कोटा 70 प्रतिशत से 50 प्रतिशत किया जाये शेष 20 प्रतिशत पदोन्नति में मुख्यआरक्षक से उपनिरीक्षक पद हेतु स्वीकृत किये जाये। इन मांगों को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन देने वालों में मनोज व्यास, कुंदन लाल राय, लखन लाल महेश्वरी, अरुण जोशी, अभिषेक भार्गव, सुरेन्द्र सिंह यादव, विश्वजीत त्यागी, सतीश त्यागी, संजय सक्सेना, प्रदीप नागिया, संतोष जैन, राय सिंह यादव, दिनेश शर्मा, संतोष शर्मा, अनिल शर्मा सतीश वर्मा, रामस्वरूप गौर, अमिता ऊर्जा हेमलता सिंह सेंगर अनिल शर्मा संतोष जैन संतु बलवीर शाक्य आदि शामिल थे।



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