भव्य जगदीश रथयात्रा-श्रद्धालुओं के खींचने से आगे बढ़ा रथ, भगवान ने शहरवासियों को दिए दर्शन
शहर में पुरी की तर्ज पर निकाली भगवान जगन्नाथ की यात्रा, बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु
रथ यात्रा का अनेक स्थानों पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलदाऊ का भव्य स्वागत
तीन किलोमीटर तक निकाली गई रथ यात्रा का चालीस से अधिक स्थानों पर भव्य स्वागत
सीहोर। मंगलवार को प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी जगदीश मंदिर टाट बाबा परमार क्षत्रिय समाज ट्रस्ट के तत्वावधान में भव्य रथ यात्रा पुरी की तर्ज पर निकाली गई। इस मौके पर शहर के अनेक स्थानों पर रथ में सवार भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलदाऊ का भव्य स्वागत किया गया। सुबह यहां पर मौजूद आधा दर्जन से अधिक पंडितों ने यहां पर सुबह गर्भगृह से प्रभु को निकाला और भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व बड़े भाई बलदाऊ आदि का पूर्ण विधि-विधान से अभिषेक कराया इसके बाद महा आरती के पश्चात बड़ी संख्या में भजन मंडली के द्वारा ढोल-नगाडे के साथ भगवान करीब तीन किलोमीटर से अधिक भ्रमण निकले अब रात्रि को शहर के मंडी स्थित श्रीराम मंदिर में विश्राम के बाद बुधवार को भगवान को पुन शहर के छावनी स्थित जगदीश मंदिर में विराजमान किया जाएगा।
मंगलवार को दोपहर बारह बजे शहर के छावनी से जगदीश मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ जी का रथ खींचा। इस बार पूरी की तर्ज पर रथ को आकर्षक तरीके से सजाया गया था और प्रतीक के तौर पर रस्सी से भी लगाई थी। जिससे श्रद्धालुओं के धक्के और रस्सी खिंचने पर रथ आगे बढ़ा। इसमें श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ का रथ खींचा।
शहर में लंबे समय से जगदीश मंदिर टाट बाबा परमार क्षत्रिय समाज ट्रस्ट के तत्वावधान में भव्य रथ यात्रा इस साल भी आस्था और उत्साह के साथ निकाली गई थी। भगवान जगदीश स्वामी की रथ यात्रा 1961 में मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ शुरु की थी। रथ यात्रा का सामाजिक संगठनों द्वारा जगह-जगह स्वागत किया गया, शहर के नमक चौराह पर विठलेश सेवा समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला, मनोज दीक्षित मामा सहित ने चल समारोह के अध्यक्ष विमल परमार, निर्माण समिति के अध्यक्ष मुकेश परमार, तुलसीराम पटेल सहित रथ यात्रा में शामिल सभी का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। यात्रा का शुभारंभ दोपहर बारह बजे शहर के जगदीश मंदिर पर विशेष पूजा अर्चना के बाद शुभारंभ किया।
रथ यात्रा का उत्साह तो वैसे मंदिर में सोमवार की देर शाम से आरंभ हो गया था। मंदिर में भजन मंडलों के द्वारा उत्साह के साथ भजन-कीर्तन किया गया और उसके पश्चात मंगलवार की सुबह मंदिर में चलित झांकियों को आस्था के साथ रथ में विराजमान किया गया और रथ यात्रा में आधा दर्जन से अधिक भजन मंडलों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल थे।
No comments:
Post a Comment