राशन वितरण व्यवस्था में बदलाव का गरीबों पर पड़ रहा असर-पूर्व विधायक रमेश सक्सेना
सीहोर - भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा पीडीएस राशन व्यवस्था में बदलाव किया गया है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान बढ़ा कर दिया जाने वाला राशन बंद कर दिया गया है। इसकाे लेकर पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता रमेश सक्सेना ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि वैसे ही प्रदेश और जिले में रोजगार धंधे नहीं है बेरोजगारी चरम पर है। उद्योग बंद पड़े हुए हैं। मंहगाई लगातार बढ़ती जा रही है। कम आय वाले लोगों का जीना मुहाल इस सरकार में हो गया है। खाद्य वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल के दौरान लोगों को जिस आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ा। उससे अभी तक कइयों परिवार उभर नहीं पाये हैं। इस समय सरकार ने व्यवस्था में बदलाव कर लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। राशन व्यवस्था में बदलाव किया है उसमें गेहूं कम मात्रा में दिया जा रहा है। जबकि जिले में लोगों को गेहूं की अिधक आवश्यकता है। हाल ही में बजट पेश किया गया। इसमें बताया गया है कि हर वर्ग का फायदा होगा, लेकिन मंहगाई पर कोई अंकुश नहीं लगा वहीं बढ़ा हुआ राशन भी बंद कर दिया गया है। इसका सीधा असर गरीब मजदूर और कम आय वाले परिवारों पर दिखाई दे रहा है। आज जब इस मंहगाई के दौर मेें अपना घर चलाना मुश्िकल हो रहा है। इतने कम राशन में गरीब परिवारों का गुजारा नहीं हो सकेगा। इसलिए जरूरत मंद परिवारों को बढ़ा हुआ राशन जो बंद किया गया है उसे शुरू करने की मांग उठाई है।
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